शनिवार, 9 जुलाई 2022

स्वामी लालदास

सेठ लक्ष्मण दास पोरबंदर काठियावाड़ के प्रतिष्ठित व्यापारी थे। उनकी पत्नी का नाम लालबाई और बेटी बाई थी। महामति प्राणनाथ के जागनी अभियान के दौरान सेठ लक्ष्मण दास महामति के संपर्क में आये और उनका शिष्यत्व ग्रहण कर लिया जो बाद में स्वामी लालदास नाम से विख्यात हुए। उनके द्वारा लिखित 'बीतक' सर्वाधिक प्रतिष्ठित है और लालदास कृत बीतक के नाम से जानी जाती है। प्रति वर्ष श्रावण मास में सभी प्रणामी मंदिरों में इसका नियमित पाठ होता है।